April 22, 2024 7:55 pm

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UPSC के एथिक्स(पेपर-IV) की तैयारी कैसे करें? जानिए संस्कृति IAS Coaching से

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UPSC के मुख्य परीक्षा में एथिक्स(पेपर-IV) को 2013 में शामिल किया गया था, जिसका मुख्य शीर्षक है नीतिशास्त्र, सत्यनिष्ठा और अभिरुचि है। यह पेपर सामान्य अध्ययन की दृष्टि से विशिष्ट है। इस परीक्षा के माध्यम से अभ्यर्थियों की सार्वजनिक जीवन में सत्यनिष्ठा, ईमानदारी से संबंधित विषयों के प्रति उनकी अभिवृत्ति तथा उनके दृष्टिकोण की परख की जाती है। लकिन UPSC के छात्रों के मध्य ये प्रश्न चर्चा का विषय बना हुआ है की कैसे एथिक्स की तैयारी की जाए? कौन से ऐसे टिप्स है जिन्हे ध्यान में रखा जाए। इसी बारे में हमारे पत्रकारों ने दिल्ली के मुख़र्जी नगर के IAS Coaching सेंटर संस्कृति IAS से बातचीत की है जिसके प्रमुख अखिल मूर्ति ने हमें इस विषय के सम्बन्ध में कुछ जानकारी प्रदान की है।

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UPSC के एथिक्स(पेपर-IV) में समस्या समाधान पर जोर दिया जाता है – संस्कृति IAS Coaching

पाठ्यक्रम में एथिक्स-

मुख्य परीक्षा में कुल 9 प्रश्न-पत्र होते हैं। इन प्रश्न पत्रों में सामान्य अध्ययन के 4 प्रश्न-पत्र हैं, जिसका चौथा पेपर एथिक्स का है। यह प्रश्न पत्र 250 अंकों का होता है।

इस प्रश्न-पत्र को शामिल करने के उद्देश्य-

अभ्यर्थियों के किताबी ज्ञान के साथ नैतिक एवं व्यवहारिक पक्ष को जानने के लिए-
• अभ्यर्थी के मूल्य
• सार्वजानिक जीवन से संबंधित विषयों पर अभ्यर्थी की अभिवृत्ति
• समाज में उसका आचरण
• समस्या समाधान के प्रति उसकी मनोवृत्ति, आदि की जाँच करना है।
प्रश्न-पत्र में प्रश्न एवं केस स्टडी दोनों के माध्यम से उक्त आयामों की जाँच की जाती है।

एथिक्स(पेपर-IV) की तैयारी कैसे करें-

इस विषय की अपनी कोई अकादमिक पृष्ठभूमि नहीं है; जैसे स्नातक, परास्नातक आदि। लेकिन गहनता से देखें तो इस प्रश्न-पत्र के पाठ्यक्रम में अनेक विषय शामिल किए गए हैं, जैसे समाजशास्त्र, मनोविज्ञान, दर्शनशास्त्र आदि। पाठ्यक्रम के मुताबिक इन विषयों की समझ इस प्रश्न-पत्र की तैयारी को सम्पूर्णता देगी। कुछ अधोलिखित टिप्स आपकी तैयारी को सुदृढ़ करेंगे-
• सर्वप्रथम नैतिक मूल्यों को व्यवहार में लाएं, जिसकी लेखन में झलक अवश्य दिखेगी।
• “नैतिकता की समझ” से संबंधित अध्ययन सामग्री एकत्रित करें।
• भारत सरकार की द्वितीय प्रशासनिक आयोग की रिपोर्ट जैसी कुछ रिपोर्ट्स का अध्ययन करें।
• यह डायनामिक विषय है, इसे निरंतर सीखते रहने की आवश्यकता है। चूँकि समय बदलने पर व्याख्याएँ बदल जाती हैं।
• प्रश्नों के उत्तर लेखन में दैनिक जीवन के अधिक से अधिक उदाहरणों का उल्लेख करें, जो आपके उत्तर को मौलिक बनाएँगे।
• केस स्टडी का कोई पाठ्यक्रम नहीं है। इसे पढ़कर प्रश्नों के जबाव स्वयं से देने होते है। इसे हल करना आसान हो जाता है यदि अभ्यर्थी की व्यवहारिक समझ अच्छी है।
• केस स्टडी पर पकड़ उतनी ही मजबूत होगी जितने ज्यादा इससे संबंधित प्रश्न हल करेंगे।
• केस स्टडी के उत्तर को संवैधानिक आदर्शों, कोर्ट के निर्णयों, सिद्ध पुरुष के कथनों आदि से प्रमाणिक करते रहें।
• पिछले वर्ष की परीक्षाओं के प्रश्नपत्रों को बिल्कुल नजरअंदाज न करें, आदि।
एथिक्स(पेपर-4) आदि ऐसे प्रश्न पत्र हैं, जिनमें सामान्य की तुलना में अधिक अंक लाए जा सकते हैं। संस्कृति आईएएस में एथिक्स के अध्ययन के लिए विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं।

Star News India
Author: Star News India

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