April 22, 2024 7:25 pm

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चिनी सैन्य काय खातात, पण त्यांचे सैनिक ही गोष्ट अजिबात खाऊ शकत नाहीत

हाइलाइट्स

हर हफ्ते में सैनिकों को तीन से चार तरह की मछलियां खाने में परोसी जाती हैं
कोशिश ये भी रहती है कि हर 1000 सैनिकों पर 125 किलो पोर्क जरूर बने
उनका खाना मौसम, ट्रेनिंग के तरीके और बजट के आधार पर तैयार होता है

चीन की सेना का खानपान क्या है. एक चीनी सैनिक की खुराक क्या होती है. इसको लेकर चीन क्या करता रहा है. असल में चीनी सेना के सैनिकों के खानपान पर पिछले कुछ सालों में काफी कुछ शोध करके तमाम रेसिपी को उनके एक खास कंप्युटर सिंस्टम में फीड कर दिया है. जो उन सैनिकों के ब्रेकफास्ट से लेकर लंच और डिनर तक की न्यूट्रीशनल वैल्यू के साथ बहुत विवरण में उस खान पान को रोज विश्लेषण करता है, जो वो खाते हैं. लेकिन मोटे तौर पर चीनी सैनिक पोर्क यानि सुअर का गोश्त जमकर खाते हैं. ये कोशिश की जाती है कि ये उन्हें पर्याप्त मात्रा में मिले.

चीनी दूतावास की एक आधिकारिक साइट पर इस खानपान का पर्याप्त विवरण दिया गया है. इसमें बताया गया है कि 1930 के आसपास जब चीन में क्रांति हुई थी तब सेना का खाना बहुत मामूली होता था लेकिन समय के साथ चीन ने अपनी सेना के खानपान पर बहुत ध्यान दिया है.

कंप्युटर पर विकसित किया गया मिलिट्री रेसिपी सिस्टम
वेबसाइट चीन में बीजिंग स्थित एंटी एयरक्राफ्ट रेजिमेंट के हेड शेफ के हवाले से लिखती है कि जब भी सैनिकों के लिए खाना बनाया जाता है, उससे पहले डायटीशियन से जरूर सलाह ली जाती है. दरअसल डायटीशियन चीन में सेना का एक कंप्युटर सिस्टम है. जिसे मिलिट्री रेसिपी सिस्टम कहा जाता है.

कंप्युटर में फीड करना होता है बजट, मौसम और सेना की विंग
हेड शेफ का कहना है, जब उन्हें कुछ बनाना होता है, तो वो इस कंप्युटर सिस्टम के पास जाते हैं, उसमें बजट, ट्रेनिंग का तरीका और मौसम के बारे में लिखते हैं. इसके बाद तुरंत कंप्युटर उनके सामने मेनू के कई विकल्प पेश कर देता है, जिसमें इस सारे खाने की न्यूट्रीटीव वैल्यू, संतुलन और पर्याप्त विश्लेषण होता है.

चीन ने कुछ साल पहले अपनी सेना के अलग अलग विंग और काम के नेचर के अनुसार खान-पान का एक पूरा कंप्युटर रेसिपी सिस्टम तैयार किया है, जिसमें बजट, उनके काम का नेचर और मौसम फीड करते ही तमाम भोजने के मेनू सामने आ जाते हैं

ब्रेकफास्ट से लेकर लंच और डिनर तक के मेनू
इस कंप्युटर स्क्रीन पर ब्रेकफास्ट का एक मेनू केक, कार्नब्रेड, अंडे और दूध के तौर पर आता है तो लंच और डिनर के लिए चावल, स्टीम्ड बन्स, रोल्स, डंपिंग्स (मोमो), मीट रोल निकलकर आता है.
साथ में जो सप्लीमेंट खाना रहता है, उसमें लहसुन सॉस के साथ पतले पोर्क के भुने या तले टुकड़े, चिकन चिली क्यूब्स, अच्छी तरह से पका पोर्क स्लाइस, एक खास तरह की मछली, स्टुइड चिकन, आलू, सिरका, दही और सलाद शामिल रहता है. इसके साथ कई तरह के सॉस भी होते हैं. साथ में रोज हर खाने के साथ 50 किलो आटे की रोटियां या नान बनाया जाता है.

हर 1000 सैनिकों पर बनता है 125 किलो पोर्क 
पीपुल्स आर्मी सैनिकों को जो खाना रोज परोसती है, उसमें ये ध्यान रखती है कि हर सैनिक को नाश्ते में एक अंडा और 250 ग्राम या एक पाव दूध जरूर दे. वहीं उनके डिनर और लंच के साथ दो तरह के फल भी हों.

चीनी सैनिकों के खाने में पोषक तत्वो की मात्रा अगर प्रचुर रखी जाती है तो मछली, चिकन और पोर्क उन्हें रोजाना के खाने में मिलते हैं

हर हफ्ते में सैनिकों को तीन से चार तरह की मछलियां खाने में परोसी जाती हैं अगर ऐसा नहीं हो रहा है तो उन्हें पांच या छह तरह का एनिमल प्रोटीन दिया जाता है. कोशिश ये भी रहती है कि हर 1000 सैनिकों पर 125 किलो पोर्क जरूर बने. साथ ही हर सैनिक पोर्क, मीट या मछली की मात्रा हर हाल में 280 ग्राम हो औऱ साथ ही एनिमल प्रोटीन का अनुपात 17 से 26 फीसदी हो.

पोषकता पर रहता है खास जोर
पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के खाद्य विभाग में बड़े पद पर तैनात ली चीनी सैनिकों के खानपान से जुडे़ आर्टिकल में बताते हैं, पहले हम जो भी मिलता था, वो बनाकर सैनिकों को परोस देते थे, तब हम ज्यादातर उसके न्यूट्रीशनल वैल्यू पर ध्यान नहीं देते थे.

समय समय पर रेजीमेंट में खाने की पंसद पर सर्वे होता है. इसमें ज्यादातर सैनिक चावल पसंद करते हैं. दरअसल चीन में दक्षिण इलाके के लोग ज्यादातर चावल पसंद करते हैं जबकि उत्तरी क्षेत्र के लोगों की पसंद गेहूं आधारित अनाज है, जिससे स्टीम्ड बन्स, नूडल्स औऱ रोल्स बनाए जाते हैं.

सेना के अलग अंगों का रोजाना का भोजन भत्ता अलग 
हालांकि प्रति सैनिक अनाज खाने की खपत घटी है जो रोजाना 750 ग्राम से घटकर 600 ग्राम पर आ गई है . साथ ही सेना के अलग अलग कामों, जगहों के लिए खाने के तौरतरीके,मात्रा और भत्ता भी अलग है. हर सैनिक का रोजाना का भोजन भत्ता तय है, उन्हीं उसी के अनुसार खाना परोसा जाता है. अब उन्हें न्यूट्रीनल वैल्यू के हिसाब से अनाज के अलावा गैर अनाज वाले भोजन दिए जाते हैं. जो हर मौसम में बदलते रहते हैं.

चीनी सैनिकों को हफ्ते में 04-05 तरह की मछली सर्व की जाती है अगर ये नहीं हो तो उन्हें 05-06 तरह का एनिमल प्रोटीन खाने में मिलता है

20 सालों में बहुत बेहतर हो गया सैनिकों का खाना
साइट पर प्रकाशित आर्टिकल कहता है कि दो दशक पहले तक आमतौर पर चीनी सैनिकों को चावल या स्टीम्ड बन्स पर ज्यादा निर्भर रहता होता है. माओ के दौर में तो सैनिकों को खाने में लाल चावल, जमीनी सब्जियां औऱ कद्दू का सूप परोसा जाता था.

सेना में शराब बैन है 
सबसे बड़ी बात ये है कि चीनी सैनिकों के लिए अल्कोहल की मनाही है, जो 1990 के शुरू से ही लागू है. ग्लोबल टाइम्स की एक रिपोर्ट कहती है कि चीनी सेना में सैनिकों और अफसरों के बीच शराब पूरी तरह से बैन है. इसका कड़ाई से पालन होता है

सैनिक कैंटीनों में बढ़ने लगी हैं प्रोसेसिंग मशीनें
चीन की अर्थव्यवस्था फलने फूलने के साथ सेना की कैंटीनों में खाने के लिए पर्याप्त और तरह तरह के सामान होते हैं. कैंटीन मैकडोनाल्ड के डायनिंग रूम की तरह तरह लगते हैं. कई तरह की प्रोसेसिंग मशीनें काम करती हैं, जो मीट, दही, सब्जियों, मोमो और स्टीम्ड बन्स के लिए होती हैं. कैंटीन में बड़ी स्क्रीन्स पर उनकी कीमत और कैलोरी काउंट नजर आता रहता है.

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Author: Star News India

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